Tuesday 12 April 2011

वर्तमान की हिन्दी कविता

परिसंवाद के इस मंच पर सबसे पहला विषय दिया जा रहा है-
वर्तमान की हिन्दी कविता

वर्तमान समय में हिन्दी कविता की क्या भूमिका है? वह कहाँ तक अपनी भूमिका का निर्वहन करने में सफल हुई है? वर्तमान की हिन्दी कविता अपने समय की चुनौतियों का सामना करने में को किस सीमा तक सफल हुई है? अथवा असफल रही है? वर्तमान की कविता में ऍसा क्या होना चाहिए जो उसमें नहीं है? और भी अन्यान्य प्रश्न जो आपके मन में उठ रहे हों, उनके विषय में आप अपने विचार यहाँ लिख सकते हैं। अपने विचार आप ईमेल द्वारा भेज सकते हैं।


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parisamvad11@gmail.com



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